पूर्व रेलवे के चार मंडल हावड़ा,आसनसोल ,सियालदह और मालदा मंडल है । मालदा मंडल का आविर्भाव 1984 हावड़ा मंडल से हुआ था ।भारतीय रेल का यह मंडल तीन राज्यों में फैला हुआ है ।बिहार ,झारखंड और पश्चिम बंगाल । मालदा मंडल की सीमाएं दानापुर मंडल, आसनसोल मंडल और हावड़ा मंडल को छूती हैं। कुल 517.64 रूट किलोमीटर के साथ पूर्वी रेलवे का यह सबसे छोटा मंडल है ।पश्चिम बंगाल म़े 122.51,झारखंड में 152.76 और बिहार में 242.37 किलोमीटर इसका फैलाव है।मालदा मंडल में101 स्टेशन हैं जिनमें बड़े स्टेशन 64 है। एकर लाइन 202. 99 कि.मी. एवं दोहरीकृत लाइन 314.64 किलोमीटर है।
मालदा मंडल में ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण कई प्रमुख दर्शनीय स्थल है। इसे आम नगरी भी कहा जाता है।यहां के रसीले आमों को विदेशों में भी निर्यात किया जाता है।मालदा में गौड़ और पांडवा के ऐतिहासिक भग्नावशेष दर्शनीय है।
राजमहल में गंगा के किनारे स्थित कन्हैया स्थान ,मानसिंह का किला मैंना बीबी की कब्र महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है तो विश्व प्रसिद्ध विक्रमशिला विश्वविद्यालय मालदा मंडल में स्थित है ।सिल्क सिटी के नाम से प्रसिद्ध भागलपुर ,और मंदारहिल, कर्ण की कर्म भूमि मुंगेर भी मालदा मंडल में स्थित है।
मंडल में जमालपुर में डीजल शेड,और साहिबगंज स्टेशन पर डीईएमयू शेड स्थापित है।
जबकि मालदा में सिग्नल व दूरसंचार प्रशिक्षण केंद्र है।
मंडल के प्रमुख स्टेशनों में मालदाटाउन,भागलपुर,साहेबगंज, बड़हरवा, जमालपुर, न्यू फरक्का और जंगीपुर रोड और सुलतानगंज है।