सतर्कता संगठन, पूर्व रेलवे
रेल उपयोगकर्त्ताओं से अपील
सरकार जनता को स्वच्छ एवं दक्ष रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है । आपके सक्रिय सहयोग से निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रशासनिक प्रयासों को सुदृढ़ किया जा सकता है :-
रेलवे बुकिंग/आरक्षण काउन्टर अथवा अधिकृत ट्रैवेल एजेंट से टिकट खरीदने पर बल दें । एक तरफ, दलालों और अनधिकृत ट्रैवेल एजेन्सी से टिकट खरीदना गैर-कानूनी है, वहीं दूसरी तरफ ऐसे टिकट जाली या अवैध हो सकते हैं । इसके परिणामस्वरूप आपको गाड़ी से उतारा जा सकता है, जुर्माना और मुकदमा हो सकता है ।
120 दिनों की अग्रिम आरक्षण सुविधा के साथ, आप अपनी यात्रा की योजना बनाएं और यथेष्ट पहले टिकट खरीद लें । किसी भी परिस्थिति में गैर-कानूनी तरीके अपनाकर प्रतीक्षा सूची की अनदेखी करने का प्रयास न करें ।
यदि भोजन, जुर्माना आदि का कोई देय हो तो रसीद या वाउचर की मांग करें ।
यदि आपको इस रेलवे के किसी भी क्षेत्र में कदाचार या भ्रष्टाचार नजर आए तो हमें सूचना देने का कष्ट करें । यह उपयोगी होगी यदि आप सभी संगत विवरण जैसे - गाड़ी का विवरण, स्थान, समय और दिनांक सहित संबंधित रेल कर्मी का पदनाम, गवाहों के नाम एवं पते आदि नोट कर सकें । यदि आप मौखिक रूप से सूचित करना चाहते हैं तो आप उनसे व्यक्तिगत तौर पर मिल सकते हैं । उस सूचना को गोपनीय माना जाएगा लेकिन दोषी को सजा दिलाने में मदद हेतु अनुवर्ती जॉंच/ पूछताछ के दौरान रेलवे आपसे सबूत पेश करने में सहयोग की अपेक्षा कर सकती है ।
किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर यात्रा करना रेलवे अधिनियम की धारा 142 के अंतर्गत एक अपराध है जो हस्तान्तरित टिकट खरीदते हैं उन्हें गाड़ी से उतारा जा सकता है, जुर्माना और मुकदमा भी हो सकता है । टिकटों का हस्तान्तरण करने पर सजा के रूप में रू.500/- जुर्माना या 3 वर्षों की जेल या दोनों हो सकता है । यात्रियों द्वारा खरीदे गए ऐसे टिकटों को जब्त कर लिया जाएगा और उन्हें बिना टिकट यात्रा करने का दोषी माना जाएगा । इसलिए यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे दलालों या अनधिकृत ट्रैवेल एजेन्टों द्वारा बेचे जाने वाले टिकट नहीं खरीदें ।
आरक्षित टिकट अनधिकृत रूप से खरीदना और बेचना रेलवे अधिनियम की धारा 143 के अंतर्गत एक अपराध है । टिकटों की अनधिकृत खरीद और बिक्री हेतु सजा के तौर पर रू10,000/- जुर्माना वसूला जाएगा या तीन वर्षों की जेल होगी । जो यात्री अनधिकृत ट्रैवेल एजेन्टों से टिकट खरीदते हैं वे, छापामारी के दौरान ऐसे टिकट जब्त कर लिए जाने की स्थिति में, अपना टिकट और आरक्षण दोनों गंवा सकते हैं।
टिकट काउन्टर से ही खरीदें या अधिकृत ट्रैवेल एजेन्ट से संपर्क करें ।
लाइन की अनदेखी और दलालों को प्रोत्साहित न करें ।
सही किराया अथवा अनुबद्ध प्रभार से अधिक भुगतान न करें ।
आपके द्वारा किए गए किसी भी भुगतान के लिए रसीद की मांग करें ।
रेल परिसरों में किसी अनधिकृत व्यक्ति के संबंध में प्राधिकारियों को सूचित करें ।
आपकी नजर में आने वाले किसी भी प्रकार के कदाचार को रोकने/कम करने के लिए यदि आपका कोई सुझाव हो तो कृपया सतर्कता संगठन को बताएं ।
आपकी सुविधा के लिए सतर्कता अधिकारियों के नाम, पते और दूरभाष सं. नीचे दिए गए हैं :-
क्र सं | नाम | पदनाम | दूरभाष संख्या एसटीडी कोड : 033 | ई-मेल पता |
1. | श्री उत्पल कांति बल | व.उप महाप्रबंधक | रेलवे : 24007 बीएसएनएल- 22203897 | sdgm@er.railnet.gov.in |
2. | श्रीमती समहिता सोरेन | उप मुख्य सतर्कता अधिकारी (एस) | रेलवे : 24038 बीएसएनएल- 22206192 | कोई नहीं |
3. | श्री आर. के. सिंह | उप मुख्य सतर्कता अधिकारी (टी) | रेलवे : 24036 बीएसएनएल- 22205862 | कोई नहीं |
4. | श्री अभय शर्मा | उप मुख्य सतर्कता अधिकारी (ई) | रेलवे : 24037 बीएसएनएल- 22200138 | dycvoe@er.railnet.gov.in |
5. | श्री एम. एम. मैती | उप मुख्य सतर्कता अधिकारी (ई) | रेलवे : 24366 बीएसएनएल- 22202929 | कोई नहीं |
6. | श्री पूर्णेन्दू रॉय | सतर्कता अधिकारी (ए) | रेलवे : 24039 बीएसएनएल- 22202871 | कोई नहीं |
सतर्कता बुलेटिन, जागृति (अक्टूबर 2013) डाउनलोड करें और पढ़ें